आकाशवाणी लखनऊ के निमंत्रण पर पिछले दिनों आकाशवाणी स्टूडियो जाना हुआ ।युवा कार्यक्रम अधिकारी श्री आशुतोष सुंदरम ने आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार प्रतियोगिता में भेजी जा रही अपनी एक इन्ट्री की स्क्रीनिंग रखी थी । चाइल्ड एब्यूज जैसे सामयिक विषय को लेकर बनाई गई शार्ट क्लिप अत्यंत प्रभावशाली लगी जिसका शीर्षक दिया गया है - जादू ।मूलतः अलवर,राजस्थान निवासी श्री सुंदरम ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा प्राप्त करके आकाशवाणी के अनेक केन्द्रों को अपनी सेवाएं दी हैं। बेहतरीन कार्यक्रम निर्माण के लिए शुमार केन्द्रों में गिने जाने वाले आकाशवाणी इलाहाबाद में रहते हुए वर्ष 2017में उन्हें स्पेशल टॉपिक डॉक्यूमेंट्री श्रेणी में उनके द्वारा लिखित और प्रस्तुत कार्यक्रम "जिन ढूँढा तिन पाइयाँ" को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ था। बातचीत के दौरान श्री आशुतोष सुन्दरम् ने मुझे बताया कि यह कार्यक्रम, महानिदेशालय द्वारा निर्धारित विषय - "हैप्पीनैस कोशेन्ट" को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था। हिन्दी भाषा में तैयार 20 मिनट अवधि के इस कार्यक्रम में आम जीवन में खुशी के भाव को समझने तथा ढूँढने के उपायों को शामिल किया गया था। इस कार्यक्रम में श्रीमती रेनू राज सिंह, प्रस्तुति सहायक तथा कलाकार के रूप में थीं। अन्य कलाकारों में शैलेष श्रीवास्तव, रूपम नारायण पाण्डे, अतुल यादव तथा लोकेश शुक्ल शामिल थे। विशेषज्ञ के रूप में प्रो0 रवि शंकर पाण्डे, डॉ0 रामजी मिश्र और विजेता सिंह के विचार इस कार्यक्रम में शामिल किए गए थे।
भेजी जा रही इस इन्ट्री के लिए जब मैनें अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं तो विनम्रता से उन्होंने कहा कि" किसी भी प्रतियोगिता में पुरस्कार जीतना आह्लादकारी होता है।मेरे साथ भी ऐसा ही है। लेकिन ये मेरे अकेले की नहीं बल्कि पूरे टीम की सफलता होती है।"
प्रसार भारती परिवार अपने इस युवा कार्यक्रम अधिकारी के हौसलों को सलाम करते हुए उनकी सफलता की शुभकामनाएं देता है।