भारतीय संगीत की महान परंपरा का गौरवशाली मंच- आकाशवाणी संगीत सम्‍मेलन

 



जब चारों तरफ संगीत के नाम पर बहुधा शोर परोसा जा रहा हो और आयोजनों में तथा रेडियो-चैनलों पर ज्यादातर फिल्म-संगीत पर ही ज़ोर हो--ऐसे माहौल में 'आकाशवाणी संगीत सम्मेलन' का महत्व और भी बढ़ जाता है।

आकाशवाणी संगीत सम्मेलन कोई आज से नहीं शुरू हुआ है। इसकी शुरूआत सन 1954 में हुई थी। देश के तमाम लब्धप्रतिष्ठ कलाकार आकाशवाणी संगीत सम्मेलन में अपनी प्रस्‍तुतियां दे चुके हैं। महत्‍वपूर्ण बात ये है कि इस संगीत सम्‍मेलन में देश के जाने माने एवं युवा कलाकार हिंदुस्‍तानी संगीत, कर्नाटक संगीत, सुगम संगीत और लोक-संगीत की अपनी प्रस्‍तुतियां देते हैं।

एम एस सुब्‍बलक्ष्‍मी, पंडित डी वी पलुस्‍कर, उस्‍ताद बड़े गुलाम अली खां, उस्‍ताद अमीर खां, उस्‍ताद अली अकबर खां, पंडित कुमार गंधर्व, डॉ मल्लिकार्जुन मंसूर, लालगुड़ी जयरमन जैसे कलाकारों की एक लंबी सूची है जिन्‍होंने आकाशवाणी संगीत सम्‍मेलन में प्रस्‍तुतियां दी हैं।

भारतीय शास्त्रीय संगीत की समृद्ध परंपरा को आकाशवाणी ने सदा संजोया और संभाला है और यकीन रखिए कि यह सिलसिला जारी रहने वाला है। 2019 के आकाशवाणी संगीत सम्मेलन में 19 अक्टूबर को देश के 24 शहरों में शास्त्रीय, लोक और सुगम संगीत के कार्यक्रम आयोजित किए गए।

दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह की एक तस्वीर


द्वारा योगदान :- यूनुस खान,वरिष्ठ उद्घोषक  विविध भारती सेवा ,मुंबई   
yunus.radiojockey@gmail.com 


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