शहडोल. ग्रामीण अंचलों में अंधविश्वास के फेर में मासूमों को दागने के खिलाफ आज से रेडियो में वेबकास्टिंग की जाएगी। वेबकास्टिंग तीन अलग - अलग तरह से होगी। पहले कलेक्टर का संदेश आएगा। जहां कलेक्टर शहडोल अनुभा श्रीवास्तव द्वारा मासूमों को दागने के खिलाफ संदेश देते हुए बताएंगी कि दागना शिशु के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। इसके साथ ही दो अन्य शॉट भी तैयार किए गए हैं। इसमें एक क्षेत्रीय ग्रामीण भाषा पर तैयार किया गया गाना है और दूसरे में ग्रामीणों के बीच संवाद का वेबकास्टिंग किया जाएगा। तीन अलग- अलग तरह के शॉट्स के माध्यम से रेडियो से गांव गांव संदेश प्रसारित किया जाएगा कि मासूमों को दागना गलत है और कार्रवाई का भी प्रावधान है। दरअसल गांव- गांव तक रेडियो होने की वजह से अब प्रशासन चौपाल और जागरूकता अभियान के साथ ही संदेश पहुंचाने में आकाशवाणी को भी सशक्त माध्यम मान रहा है। अलग- अलग दिनों में अलग-अलग समय पर मासूमों को दागने संबंधी प्रसारण किया जाएगा। ऑन एअर ८० किमी के एरिया में प्रशासन का यह संदेश रेडियो के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा। इसमें अलग- अलग अफसरों को शामिल किया गया, जो तथ्यों पर बताएंगे कि दागना क्या गलत है और मासूमों पर दागने के बाद क्या दुष्परिणाम पड़ते हैं। मासूमों को दागने से जुड़े रेडियो में प्रसारित होने वाले इस संदेश में कलेक्टर भी सुनाई देंगी। कलेक्टर तथ्यों पर बताएंगी कि मासूमों को दागना कितना घातक है। दागने के बाद मासूम किस किस तरह की पीड़ा से गुजरता है। दागने से पूरे शरीर में अंदर इंफेक्शन फैल जाता है। इंफेक्शन भले ही बाहर न दिखे लेकिन अंदर ही अंदर मासूम की जान ले लेता है। मासूमों को दागना अपराध की भी श्रेणी में आता है और कार्रवाई होगी। इसके अलावा कई अफसर भी डॉक्टरी सलाह के साथ अपनी बात रखेंगे। गुनिया और जादू टोना का सहारा न लेते हुए नजदीकी अस्पतालों में इलाज का संदेश देंगी।
8 दिन कलेक्टर संदेश, फिर गाने के साथ जिंगल
महिला बाल विकास अधिकारी राकेश खरे के अनुसार, जागरूकता की दिशा में पहले 8 दिन तक कलेक्टर का संदेश आएगा। इसके बाद सात दिनों तक ग्रामीणों परिवेश में तैयार किया गया गाना सुनाई देगा। इसके अलावा जिंगल बेल के साथ ही ग्रामीणों के आपसी संवाद का भी वेबकास्टिंग कराई जाएगी।
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