बद्री प्रसाद यादव एक ऐसे खेल पत्रकार और आकाशवाणी के कमेंटेटर रहे हैं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन खेल और खेल-पत्रकारिता को समर्पित कर दिया। इनकी स्मृतियों में बिहार के खेलों का पूरा इतिहास रचित है। यह बातें शनिवार को बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में आयोजित कार्यक्रम में, वरिष्ठ खेल-पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय कमेंटेटर बद्री प्रसाद यादव की पुस्तक 'खेल के खोए सितारे' का लोकार्पण करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राम कृपाल यादव ने कहा कि बद्री प्रसाद ने खेल के खोए सितारों को जीवंत कर दिया है। इस पुस्तक से आने वाली पीढ़ियां अपने बुजुर्गों को जान पाएगी। सुप्रसिद्ध कवि सत्यनारायण ने कहा कि मेरी बहुत पुरानी इच्छा थी कि बद्री बाबू की इस पुस्तक को देखूं। भारतीय(अंडर-19)क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अमिकर दयाल ने कहा कि बद्री प्रसाद की यह पुस्तक अत्यंत प्रेरणादायी है। नए खिलाड़ियों को पता चलेगा कि पुराने खिलाड़ियों को जीवन में सफलता के लिए कितनी कुर्बानियां देनी पड़ी।
सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ ने कहा कि लोकार्पित पुस्तक बिहार में खेलों की प्रगति का ऐतिहासिक दस्तावेज़ ही नहीं, अपने समय के नायकों के प्रति एक विनम्र साहित्यिक श्रद्धांजलि भी है। लेखक ने इस पुस्तक में बिहार के खेल के लिए एक ऐतिहासिक अवदान दिया है। पुस्तक के लेखक बद्री प्रसाद यादव ने कहा कि पुस्तक कभी चमकते सितारे रहे और अब गुमनाम हो चुके खिलाड़ियों को स्मृति-पटल पर लाने का प्रयास है। शैलेंद्र कुमार, प्रेम बल्लभ सहाय, डॉ. अमरनाथ प्रसाद व सूर्यकांत शुक्ला ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर क्रिकेट-कोच अधिकारी एम एम प्रसाद, वॉली बॉल के खिलाड़ी ललित प्रसाद सिंह को सम्मानित किया गया है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के महासचिव गुरुचरण सिंह ढिल्लन, बिहार टेबल टेनिस संघ के सचिव मुकेश राय, बिहार फुटबॉल संघ के सचिव सैय्यद इम्तियाज हुसैन, श्रीकांत सत्यदर्शी, डॉ. मेहता नगेंद्र सिंह, कृष्णरंजन सिंह, आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, कवि घनश्याम, जे पी राय के साथ ही अन्य खेल-प्रेमी उपस्थित थे।